हमीरपुर
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को कथित तौर पर सोने का उपहार भेंट करने के दौरान उनसे फटकार खाने वाला हमीरपुर स्थित जाइका से वित्त पोषित हिमाचल फसल विविधीकरण परियोजना का एक बड़ा अधिकारी अब नए विवाद में फंस गया है। नया विवाद मंडी जिले में स्थित परियोजना के एक उपमंडल स्तरीय कार्यालय में तैनात अधिकारी पर लगे महिला के साथ अश्लील छेड़छाड़ के मामले में वाज़िब कार्रवाई न करने को लेकर है। इस महिला अधिकारी ने राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों को भी इस मामले में शिकायत पत्र भेजा है। साथ ही राज्य महिला आयोग और राज्य उच्च न्यायालय से भी मामले में दखल देकर न्याय की गुहार लगाई है।
पुलिस में मामला दर्ज
पिछले दिनों सोशल मीडिया में एक खबर तेजी से वायरल हुई थी जिसमें जाइका परियोजना के एक बड़े अफसर को सोने के उपहार के मामले में सीएम से डांट पड़ने की घटना का जिक्र था। सूत्रों ने बताया कि मंडी जिले की एक महिला अधिकारी ने अपने परियोजना में ही तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी पर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन इसके बाद विभाग की ओर से एक एन्टी सेक्सुअल हर्रेसमेन्ट कमेटी का गठन किया गया।
यह है सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी
सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी का अध्यक्ष परियोजना की ही वरिष्ठ महिला अधिकारी सोनल गुप्ता को बनाया गया। मंडी जिले की वरिष्ठ वकील अलक नंदा हांडा को इस कमेटी में स्वतंत्र सदस्य के रूप में एनजीओ से लिया गया है। यह मामला सितंबर महीने के दूसरे हफ्ते का है। पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि शिकायत के बाद गठित कमेटी ने 17 सितंबर को अपना काम शुरू किया। कमेटी ने परियोजना के प्रदेश मुख्यालय हमीरपुर में तैनात इस बड़े अधिकारी को पीड़िता की शिकायत के बाद आग्रह भेजा कि आरोपित अधिकारी को बाहर तब्दील किया जाए क्योंकि इससे जांच प्रभावित नहीं होगी। इस पर इस बड़े अधिकारी ने 24 सितंबर अपने लेवल पर आरोपी अफसर को वहां से बाहर शिफ्ट करने के बजाए पीड़िता के सुपीरियर आफिस और जिला मुख्यालय में तैनात कर दिया। पीड़िता ने इस पर भी 30 सितंबर को आपत्ति की कि आरोपी अधिकारी का तबादला या समायोजन हमीरपुर स्थित स्टेट हेड क्वाटर के इसी बड़े अधिकारी ने गलत तरीके से मामले को दबाने की नीयत से ही जिला मुख्यालय में किया है और यह उसे न्याय मिलने की राह में बाधक कदम है। इसके बाद राज्य मुख्यालय के इस विवादित अधिकारी ने पीड़िता की एक नहीं सुनी। पीड़िता ने राज्य हाईकोर्ट और दूसरी एजेंसियों को लिखे पत्र में कहा है कि इसके बाद उसे मामले को रफा दफा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए पीड़िता ने कृषि विभाग के अफसरों, प्रोजेक्ट के अफसरों और कुछ राजनीतिक लोगों का जिक्र किया है।
पीड़िता ने हाईकोर्ट को भेजी मेल
सूत्रों ने बताया कि हमीरपुर में तैनात इस विवादित अधिकारी को इसके बाद सेक्सुअल हैरेसमेंट कमेटी ने भी कई बार पत्र लिखे लेकिन इसने जिला मुख्यालय में तब्दील किये गए आरोपी अधिकारी को लगभग एक महीने से ज्यादा समय तक बदलने के लिए राज्य सरकार को संस्तुति नहीं की। इस बीच पीड़िता ने जब पत्र लिखा तो अधिकारी ने फिर भी राज्य सरकार को आरोपी को जिला मुख्यालय से बदलने के लिए काफी समय गुजार दिया। पीड़िता ने हाईकोर्ट को लिखी मेल में इस मामले जांच की मांग की है।उसने कहा है कि सरकार भी जांच करवाएं कि आखिर इस मामले को जैसे हमीरपुर स्थित मुखयालय में तैनात एक बड़े अधिकारी ने दबाने के लिए उनकी और कमेटी तक की आवाज नहीं सुनी और लंबे समय तक मामले को लटकाए रखा और अपनी इच्छा से सुपीरियर आफिस यानी जिला मुख्यालय के दफतर में आरोपी को तैनात कर दिया, उनके इस कदम से इस दरमियाँ उसे न्याय मिलने की सम्भावनाये कमजोर हुई हैं।
क्या कहते हैं मंडी स्थित परियोजना के जिला प्रबंधक हेमराज वर्मा
उन्होंने माना कि पहले स्टेट के आफिस के आर्डर से आरोपी को उनके जिला आफिस में तैनाती दी गयी थी। इसी को लेकर उन्होंने व कमेटी ने अलग अलग रिमाइंडर के रूप में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया था। पीड़िता का छुटियों का भी मामला था। स्टेट आफिस में लंबित था। मगर अभी कुछ दिन पहले पीड़िता ने सरकार को शिकायत की थी। उसके बाद इस मामले में अब राज्य सरकार के दखल के बाद आरोपी अधिकारी का तबादला दो दिन पहले बाहर कर दिया है। पीड़िता ने दोबारा जॉइन कर लिया है। उसकी पहले की छुट्टी भी अब मंजूर कर ली है। कमेटी जांच कर रही है। तय समय में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।